Bajrang Baan Lyrics | बजरंग बाण हिंदी

बजरंग बाण के बारे में हिंदी में | About Bajrang Baan In Hindi

About Bajrang Baan In Hindi: भारत में अध्यात्म और भक्ति के क्षेत्र में स्तोत्र और भजन का विशेष स्थान है। इनमें से, बजरंग बाण भगवान हनुमान को समर्पित एक श्रद्धेय भक्ति भजन के रूप में जाना जाता है। इसकी उत्पत्ति महाकाव्य रामायण में पाई जाती है, विशेष रूप से सुंदरकांड में, जहां महान संत कवि तुलसीदास ने भगवान हनुमान की स्तुति में इन शक्तिशाली छंदों की रचना की थी।

इस ब्लॉग में, हम बजरंग बाण के बोल के महत्व, पाठ और अर्थ पर प्रकाश डालेंगे, यह एक पवित्र रचना है जो हर उम्र के अनगिनत भक्तों के साथ गहराई से जुड़ी हुई है।

बजरंग बाण लिखित में

बजरंग बाण लिखित में अनुवाद “वज्र का तीर है, जहां वज्र भगवान इंद्र के वज्र और शक्ति का प्रतीक है। यह नाम भगवान हनुमान की अजेय और दुर्जेय प्रकृति का प्रतीक है। इस भक्ति भजन का पाठ हनुमानजी का आशीर्वाद और सुरक्षा पाने के लिए किया जाता है, खासकर संकट के समय में। चुनौतियाँ, या प्रतिकूल परिस्थितियाँ। माना जाता है कि हनुमान बाण में सभी बाधाओं को दूर करने, कष्टों को कम करने और भक्त को शक्ति प्रदान करने की शक्ति है।

दोहा :

निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान॥


चौपाई :

जय हनुमंत संत हितकारी ।
सुन लीजै प्रभु अरज हमारी||

जन के काज विलम्ब न कीजै ।
आतुर दौरि महा सुख दीजै||

जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा ।
सुरसा बद पैठि विस्तारा||

आगे जाई लंकिनी रोका ।
मारेहु लात गई सुर लोका||

जाय विभीषण को सुख दीन्हा ।
सीता निरखि परम पद लीन्हा||

Read ⇒Hanuman Chalisa Lyrics Hindi

बाग उजारी सिंधु महं बोरा ।
अति आतुर यम कातर तोरा||

अक्षय कुमार मारि संहारा ।
लूम लपेट लंक को जारा||

लाह समान लंक जरि गई ।
जय जय धुनि सुर पुर महं भई||

अब विलम्ब केहि कारण स्वामी ।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी||

जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता ।
आतुर होय दुख हरहु निपाता||

View ⇒Hanuman Aarti Lyrics Hindi

जै गिरिधर जै जै सुखसागर ।
सुर समूह समरथ भटनागर||

ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमन्त हठीले।
बैरिहिं मारू बज्र की कीले||

गदा बज्र लै बैरिहिं मारो ।
महाराज प्रभु दास उबारो||

ॐ कार हुंकार महाप्रभु धावो ।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो||

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा ।
ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा||

सत्य होहु हरि शपथ पाय के ।
रामदूत धरु मारु धाय के||

जय जय जय हनुमंत अगाधा ।
दु:ख पावत जन केहि अपराधा||

पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत कछु दास तुम्हारा||

वन उपवन, मग गिरि गृह माहीं ।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं||

पांय परों कर जोरि मनावौं ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं||

जय अंजनि कुमार बलवन्ता ।
शंकर सुवन वीर हनुमंता||

बदन कराल काल कुल घालक ।
राम सहाय सदा प्रति पालक ||

भूत प्रेत पिशाच निशाचर ।
अग्नि बेताल काल मारी मर||

इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की ।
राखु नाथ मरजाद नाम की||

जनकसुता हरि दास कहावौ ।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो||

जय जय जय धुनि होत अकाशा ।
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा||

चरण शरण कर जोरि मनावौ ।
यहि अवसर अब केहि गौहरावौं||

उठु उठु चलु तोहिं राम दुहाई ।
पांय परौं कर जोरि मनाई||

ॐ चं चं चं चं चपल चलंता ।
ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता||

ॐ हं हं हांक देत कपि चंचल ।
ॐ सं सं सहमि पराने खल दल||

अपने जन को तुरत उबारो ।
सुमिरत होय आनन्द हमारो||

यह बजरंग बाण जेहि मारै ।
ताहि कहो फिर कौन उबारै ||

पाठ करै बजरंग बाण की ।
हनुमत रक्षा करैं प्राण की||

धूप देय अरु जपै हमेशा ।
ताके तन नहिं रहै कलेशा||

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान॥

बजरंग बाण लिरिक्स का महत्व | Significance of Bajrang Baan Lyrics

Significance of Bajrang Baan Lyrics: बजरंग बाण के बोल भगवान हनुमान के भक्तों के दिलों में बहुत महत्व रखते हैं। माना जाता है कि इस शक्तिशाली भजन का भक्ति और ईमानदारी से जाप करने से कई आशीर्वाद और लाभ मिलते हैं:

सुरक्षा और निर्भयता: इसका का पाठ करने से निर्भयता की भावना पैदा होती है, क्योंकि भक्त भगवान हनुमान से नकारात्मक प्रभावों और बाधाओं से सुरक्षा चाहते हैं।

शक्ति और साहस: यह भजन भगवान हनुमान की असीम शक्ति और साहस का आह्वान करता है, जो भक्तों को दृढ़ संकल्प के साथ जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए सशक्त बनाता है।

इच्छाओं की पूर्ति: माना जाता है कि बजरंग बाण के माध्यम से भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने से सच्ची इच्छाएं पूरी होती हैं।

परेशानियों पर काबू पाना: भजन का जाप भय को दूर कर सकता है और जीवन में विभिन्न परेशानियों और प्रतिकूलताओं को कम कर सकता है।

आध्यात्मिक संबंध: बजरंग बाण का पाठ करके, भक्त भगवान हनुमान के साथ गहरा आध्यात्मिक संबंध स्थापित करते हैं, दिव्य कृपा और मार्गदर्शन का अनुभव करते हैं।

बजरंग बाण लिरिक्स एक पूजनीय भजन है जो भगवान हनुमान की भक्ति, शक्ति और दिव्य आशीर्वाद को दर्शाता है। इसे पीढ़ियों से भक्तों द्वारा संजोया गया है, और किसी के जीवन पर इसका प्रभाव सीमाओं और मान्यताओं से परे है। जब हम शुद्ध हृदय और अटूट विश्वास के साथ हनुमान बाण का जाप करते हैं, तो हम अपने जीवन में भगवान हनुमान की दिव्य उपस्थिति को आमंत्रित करते हैं, शक्ति और भक्ति के साथ जीवन की यात्रा को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सुरक्षा, साहस और कृपा की तलाश करते हैं।

बजरंग बाण गीत के फायदे हिंदी में

हिंदी में हनुमान बाण के बोल गुनगुनाने से मनोवैज्ञानिक और आध्यात्मिक दोनों तरह के कई फायदे हो सकते हैं। भले ही गुनगुनाने में मौखिक जप की तुलना में भजन की धीमी प्रस्तुति शामिल है, फिर भी यह सकारात्मक प्रभावों के साथ एक शक्तिशाली अभ्यास हो सकता है। बजरंग बाण के बोल हिंदी में गुनगुनाने के कुछ फायदे यहां दिए गए हैं।

बाण को गुनगुनाकर, आप भगवान हनुमान की शक्ति और साहस से जुड़ सकते हैं, अपने भीतर सशक्तिकरण और लचीलेपन की भावना को बढ़ावा दे सकते हैं।

हिंदी में बजरंग बाण के बोल नियमित रूप से गुनगुनाने से भगवान हनुमान द्वारा दर्शाए गए मूल्यों और गुणों की दैनिक याद दिला सकते हैं, जो आपको उन गुणों को अपने जीवन में अपनाने या जोड़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहते हैं।

अभ्यास को ईमानदारी, सम्मान और खुले दिल से करना आवश्यक है। चाहे आप हनुमान बाण का जाप करें, गुनगुनाएं या सुनें, इसके संभावित लाभों को पूरी तरह से अनुभव करने के लिए अभ्यास के पीछे का इरादा और भक्ति महत्वपूर्ण है। याद रखें कि आध्यात्मिकता और आस्था व्यक्तिगत यात्राएँ हैं, और ऐसी प्रथाओं से आपको मिलने वाले लाभ आपके लिए अद्वितीय हो सकते हैं।

बजरंग बाण का पाठ करने की विधि

  • इस हनुमान बाण का पाठ करने से पहले श्री गणेश जी की पूजा करे
  • इसके बाद फिर आप प्रभु राम और माँ सीता का मन से स्मरण करें |
  • इसके बाद आप इस बाण का पाठ करने के लिए संकल्प ले |
  • और उसके बाद हनुमान जी की पूजा करे और फूल चढ़ाये,धूप और दिया जलाएं |
  • उसके बाद पूजा करते समय हनुमान जी को चूरमा व गुड और चने का प्रसाद जरूर चढ़ाए |

बजरंग बाण क्या है?

बजरंग बाण एक पूजनीय भक्ति भजन है जो भगवान हनुमान की भक्ति, शक्ति कृपा, और दिव्य आशीर्वाद को सही तरीके से दर्शाता है।

बजरंग बाण किसने लिखा?

विशेष रूप से हनुमान बाण रचना महान संत कवि तुलसीदास ने की थी।